कुछ उपाऐ......
१- यदि आपका ब्लड प्रेशर लो रहता है, तो प्रतिदिन तीन दाने
कालीमिर्च के साथ 21 दाने किशमिश का सेवन करे।
२- जुकाम होने पर कालीमिर्च के चार-पांच दाने पीसकर एक कप
दूध में पकाकर सुबह-शाम लेने से लाभ मिलता है।
३- एक चम्मच शहद में 2-3 बारीक कुटी हुई कालीमिर्च और एक
चुटकी हल्दी पाउडर मिलाकर लेने से कफ में राहत मिलती है।
४- इससे शरीर की थकावट दूर होती है। कालीमिर्च से गले
की खराश दूर होती है।
५- इससे रक्त संचार सुधरता है।यह दिमाग के लिए फायदेमंद
होती है। गैस के कारण पेट फूलने पर कालीमिर्च असरदार होती है।
इससे गैस दूर होती है।
६-कालीमिर्च की चाय पीने से सर्दी-ज़ुकाम, खाँसी और
वायरल इंफेक्शन में राहत मिलती है। कालीमिर्च पाचनक्रिया में
सहायक होती है।
७- कालीमिर्च सभी प्रकार के संक्रमण में लाभ देती है।
घरेलू उपाय, सांसों को महकाए
* लौंग मुंह में रखकर चूसें।
* सौंफ और सुआ सेंककर मिला लें। दिन में तीन बार मुखशुद्धि के
रूप में इस्तेमाल करें। फायदा होगा।
* मुलेहठी खाने से भी मुंह की दुर्गंध का नाश होता है।
* एक गिलास पानी में ताजा कागजी नींबू पूरा निचोड़कर
पीने से श्वास की बदबू दूर होती है।
* दो काली मिर्च रात को मंजन से पहले ताजा चबाएँ।
* तीन पत्तियों और जामुन की पत्तियों को चबाकर धीरे-धीरे
उसका रस निगलने से फायदा होगा।
* तुलसी के पांच पत्ते प्रतिदिन चबाएं। सांस की बदबू दूर होगी।
* भुना हुआ जीरा सेवन करना चाहिए।
* इलायची के सेवन से मुंह की दुर्गंध का नाश होता
सुबह गरम पानी में निम्बू डालकर पिने के बहुत लाभ है. ---
- रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढाता है.
- शरीर के सभी अंगों को पानी दे कर तरोताजा करता है.
- तनाव दूर करता है.
- यह एसिडिटी घटाता है.
- लीवर को डीटॉक्स करता है.
- पाचन में मदद करता है.
- वजन घटाने में मदद करता है.
- त्वचा को सुन्दर बनाता है.
- इसमें मौजूद पोटैशियम नर्व्स के लिए , हार्ट के लिए
अच्छा होता है. रक्तचाप भी संतुलित करता है.
- शरीर के सभी अंगों को पानी दे कर तरोताजा करता है.
- तनाव दूर करता है.
- यह एसिडिटी घटाता है.
- लीवर को डीटॉक्स करता है.
- पाचन में मदद करता है.
- वजन घटाने में मदद करता है.
- त्वचा को सुन्दर बनाता है.
- इसमें मौजूद पोटैशियम नर्व्स के लिए , हार्ट के लिए
अच्छा होता है. रक्तचाप भी संतुलित करता है.
मधुमेह से बचाय
मधुमेह एक खतरनाक बीमारी है और अनियमित दिनचर्या के
कारण इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ब्लड में शुगर
की मात्रा बढ़ने से डायबिटीज बीमारी होती है। अगर आप
रोजाना नीम का रस पिएंगे तो आपका ब्लड़ शुगर का स्तर
बढ़ेगा नहीं और आपको मधुमेह जैसी बीमारी नहीं होगी। मधुमेह के
रोगी भी इसका सेवन करके अपने ब्लड शुगर के स्तर को सामान्य
रखे।
कारण इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ब्लड में शुगर
की मात्रा बढ़ने से डायबिटीज बीमारी होती है। अगर आप
रोजाना नीम का रस पिएंगे तो आपका ब्लड़ शुगर का स्तर
बढ़ेगा नहीं और आपको मधुमेह जैसी बीमारी नहीं होगी। मधुमेह के
रोगी भी इसका सेवन करके अपने ब्लड शुगर के स्तर को सामान्य
रखे।
दिल के रोगियों के लिए घरेलू नुस्खे
पीपल के 15 पत्ते लें जो कोमल गुलाबी कोंपलें न हों,
बल्कि पत्ते हरे, कोमल व भली प्रकार विकसित हों। प्रत्येक
का ऊपर व नीचे का कुछ भाग कैंची से काटकर अलग कर दें। पत्ते
का बीच का भाग पानी से साफ कर लें। इन्हें एक गिलास
पानी में धीमी आँच पर पकने दें। जब पानी उबलकर एक तिहाई रह
जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे स्थान पर
रख दें, दवा तैयार।
इस काढ़े की तीन खुराकें बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद
प्रातः लें। हार्ट अटैक के बाद कुछ समय हो जाने के पश्चात
लगातार पंद्रह दिन तक इसे लेने से हृदय पुनः स्वस्थ हो जाता है
और फिर दिल का दौरा पड़ने की संभावना नहीं रहती। दिल के
रोगी इस नुस्खे का एक बार प्रयोग अवश्य करें।
* पीपल के पत्ते में दिल को बल और शांति देने की अद्भुत
क्षमता है।
* इस पीपल के काढ़े की तीन खुराकें सवेरे 8 बजे, 11 बजे व 2 बजे
ली जा सकती हैं।
* खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए,
बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही लें।
* प्रयोगकाल में तली चीजें, चावल आदि न लें। मांस, मछली,
अंडे, शराब, धूम्रपान का प्रयोग बंद कर दें। नमक, चिकनाई
का प्रयोग बंद कर दें।
* अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मैथी दाना, सेब
का मुरब्बा, मौसंबी, रात में भिगोए काले चने, किशमिश,
गुग्गुल, दही, छाछ आदि लें।
आँखों की देखभाल और उसकी रौशनी बढ़ाने के कुछ आसान से उपाय
ईश्वर की बनायी गयी इस दुनिया को दखने का माध्यम केवल
हमारी ऑंखें ही है और इनको उम्र के पड़ाव के साथ देखभाल
की भी नितांत आवयकता होती है क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ
हमारी आँखों के चारो तरफ क मांसपेशियां ढीली पड़ने
लगती है और हमारी आँखें कमजोर हो जाती है।
आंखों की रौशनी हमारे आहार और जीवनशैली पर भी निर्भर
करती है।
आँखों की देखभाल और उसकी रौशनी बढ़ाने के कुछ आसान से
उपाय
* सुबह उठकर मुहँ में पानी भरकर आँखें खोलकर साफ पानी के
छीटें आँखों में मारने चाहिए इससे आँखों की रौशनी बढ़ती है ।
* प्रातः खाली पेट आधा चम्मच ताजा मक्खन, आधा चम्मच
पसी हुई मिश्री और 5 पिसी काली मिर्च मलाकर चाट लें,
इसके बाद कच्चे नारीयल की गिरी के 2-3 टुकड़े खूब चबा-
चबाकर खाये और ऊपर से थोड़ी सौंफ चबाकर खा लें फिर
दो घंटे तक कुछ भी न खाये। यह क्रिया 2-3 माह तक जरूर करिये
।
* बालों पर रंग, हेयर डाई और केमीकल शैम्पू लगाने से परहेज करें ।
* रात को 1 चम्मच त्रिफला मिट्टी के बर्तन में भिगाकर सुबह
छाने हुए पानी से आँखें धोयें। इससे आँखों की रोशनी बढ़ती है
और कोई बीमारी भी नहीं होती है।
* प्रातःकाल सूर्योदय से पहले नियमित रूप से हरी घास पर
15-20 मिनट तक नंगे पैर टहलना चाहए। घास पर ओस
की नमी रहती है नंगे पैर इस पर टहलने से आँख को तनाव से राहत
मिलती है।और रौशनी भी बढ़ती है ।
* पैरों के तलवे की सरसों के तेल से नियमित मालिश
करनी चाहिए । नहाने से 10 मिनट पूर्व पैरों के
अंगूठों को सरसों के तेल से तर करने से आँखों की रौशनी लम्बे
समय तक कायम रहती है ।
* पालक, पत्ता गोभी, हरी सब्जियाँ और पीले फल खाएं।
विटामिन ए, सी और ई से भरपूर कई पीले फल हमारी आंखों के
लिए फायदेमंद हैं। इसके अतिरिक्त पपीता, संतरा, नींबू आदि के
सेवन से दिन की रोशनी में हमारे देखने की क्षमता बढ़ती हैं।
* आँखों की रौशनी बढ़ाने के लिए प्रतिदिन 1-2 गाजर खूब
चबा-चबाकर खाएँ ।गाजर का रस निकालकर भोजन के घंटे भर
बाद पिएँ।
* नियमित रूप से अंगूर खाएं, अंगूर के सेवन से रात में देखने
की क्षमता बढ़ती है।
* 2 अखरोट और 3 हरड की गुठली को जलाकर उनकी भस्म के
साथ 4 काली मिर्च को पीसकर उसका अंजन करने से
आँखों की रौशनी बढती हे।
* 10 ग्राम छोटी हरी इलाइची , 20 ग्राम सौंफ के मिश्रण
को महीन पीस लें। एक चम्मच चूर्ण को दूध के साथ नियमित रूप
से पीने से आंखों की ज्योति अवश्य ही बढ़ती है।
* अनार के 5 से 6 पत्ते को पीस कर दिन में 2 बार लेप करने से
दुखती आँख में लाभ होता हे और रौशनी भी बढ़ती है ।
* 300 ग्राम सौंफ को अच्छे से साफ करके कांच के बर्तन में रख ले
अब बदाम और गाजर के रस से सौंफ को तीन बार भगोएँ जब सुख
जाए तो इसे रोज रात दूध के साथ लें इससे
भी आँखों की रोशनी बढ़ती है ।
* सूखें आँवले को रात में पानी में अच्छी तरह धोकर भिगो दें फिर
दिन में 3 बार इसे रुई से आँखों में डालें और आँवले
का ज्यादा ज्यादा किसी ना किसी रूप में अपने खाने / पीने
में अवश्य ही प्रयोग करें। 3 माह के अंदर ही चश्मा उतर जायेगा ।
* प्रतिदिन भोजन के साथ 50 से 100 ग्राम मात्रा में
पत्तागोभी के पत्तों का सलाद बारीक कतर कर, इन पर
पिसा हुआ सेंधा नमक और काली मिर्च डालकर खूब चबा-
चबाकर खाएँ।
* आंखों की स्वस्थ्यता के लिए अच्छी नींद जरूरी है,
नहीं तो आंखों के नीचे काला घेरा पड़ जाता है और
रोशनी भी कम होती है।
सोमवार, 26 जनवरी 2015
इस फल को खाएं उग आएंगे सिर के उड़े हुए बाल .......!
* सीताफल(शरीफा ) एक बड़ा ही स्वादिष्ट
फल है लेकिन
लोग इसके बारे में थोड़ा कम जानकारी रखते हैं।
सीताफल अगस्त से नवम्बर के आस-पास अर्थात्
आश्विन से माघ मास
के बीच आने वाला फल है। अगर आयुर्वेद
की बात माने
तो सीताफल शरीर को शीतलता पहुंचाता है।
यह पित्तशामक, तृषाशामक, उलटी बंद करने वाला,
पौष्टिक,
तृप्तिकर्ता, कफ एवं वीर्यवर्धक, मांस एवं
रक्तवर्धक,
बलवर्धक, वातदोषशामक एवं हृदय के लिए
बहुत ही लाभदायी होता है।
* सीताफल को भगवन राम एवं माता सीता से
जोड़ते हैं।
ऐसी मान्यता है कि सीता ने वनवास के समय
जो वन फल
राम को भेंट किया, उसी का नाम सीताफल पड़ा। अगर आप
दिन में एक # सीताफल का सेवन करते हैं,
तो आपको अनेको बीमारियों से निजात
मिलेगा। आइये जानते
हैं सीताफल खाने से हम किन-किन
बीमारियों से निजात
पा सकते हैं।
* सीताफल सिर्फ फल नहीं, दवा भी है। एक्सपर्ट्स
का कहना है कि जो लोग शरीर से दुबले पतले
होते हैं उन्हें
सीताफल खाना चाहिए। सीताफल खाने से
शरीर
की दुर्बलता तो दूर होती ही है साथ ही मैनपावर
भी बढता है।
* सीताफल एक मीठा फल है। इसमें
काफी मात्रा में
कैलोरी होती है। यह आसानी से पचने
वाला और अल्सर व एसिडिटी में लाभकारी होता है। इसमें
आयरन और विटामिन-
सी की मात्रा अच्छी होती है। इसके
अलावा सीताफल कई
रोगों में रामबाण की तरह काम करता है।
* सीताफल के बीजों को बकरी के दूध के साथ पीस कर
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