Thursday, March 26, 2015

मौत दे रही है जिदंगी का आॅफर

मौत दे रही है जिदंगी का आॅफर
जिदंगी दे रही है जीने का आॅफर
जीवन दे रहा है हँसने का आॅफर
इसलिए कहना है सम्पत का आओ
हर वक्त मुस्कराते रहे
जो मिला उसे हँस पर पाते रहे
जब तक जीवन है तब तक
 मित्रता निभाते रहे
निभाते रहे
देखकर किसी के बुरे दिन हम उसे कमजोर ना समझे
देखकर किसी के अच्छे दिन उसे जोर ना समझे
समय सबका आता है और जाता है
समय सबको सिखाता है और समझााता है
समय से पहले कभी किसी को कुछ नहीं मिलता है
बस! हम अपना कर्तव्य करते जाये कर्तव्य करते जाये
बाकी ईश्वर की मर्जी कहकर हँसते हँसाते जाये

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