Sunday, March 29, 2015

रोजाना थोड़ी सी अजवाइन खाने से इन रोगों के लिए दवा नहीं खानी पड़ेगी

रोजाना थोड़ी सी अजवाइन खाने से इन रोगों के लिए दवा नहीं खानी पड़ेगी
अजवाइन का प्रयोग तड़के, पकौड़े से लेकर बेकरी में बनने वाले नमकीन तक में किया जाता है। भारतीय खाने में सदियों से उपयोग की जा रही अजवाइन सिर्फ एक मसाला नहीं है। यह कई तरह के औषधीय गुणों से भरपूर है। आयुर्वेद के अनुसार अजवाइन पाचन को दुरुस्त रखती है। यह कफ, पेट तथा छाती का दर्द और कृमि रोग में फायदेमंद होती है। साथ ही हिचकी, जी मचलाना, डकार, बदहजमी, मूत्र का रुकना और पथरी आदि बीमारी में भी लाभप्रद होती है। अजवाइन के कई ऐसे घरेलू प्रयोग हैं, जो हेल्थ प्रॉब्लम्स में रामबाण की तरह कार्य करते हैं तो आइए आज हम आपको बताते हैं अजवाइन के ऐसे ही कुछ औषधीय गुणों के बारे में....
- रोजाना थोड़ी सी अजवाइन खाएंगे तो अर्जीण, कब्ज व गैस जैसी बीमारियां परेशान नहीं करेंगी।
- सर्दी, गर्मी के प्रभाव के कारण जिन लोगों गला बैठ जाता है। उन्हें बेर के पत्ते और अजवाइन को पानी में उबालकर, छानकर उस पानी से गरारे करने चाहिए।
- एसिडिटी की तकलीफ है तो समान मात्रा में लेकर अजवाइन और जीरा को एक साथ भून लें। फिर इस मिश्रण को पानी में उबाल कर छान लें। इस छने हुए पानी में चीनी मिलाकर पिएं, एसिडिटी से राहत मिलेगी।
-मासिक धर्म के समय पीड़ा होती हो तो 15 से 30 दिनों तक भोजन के बाद या बीच में गुनगुने पानी के साथ अजवाइन लेने से दर्द मिट जाता है। मासिक अधिक आता हो यह प्रयोग न करें।
- मुंह से दुर्गंध आने पर अजवाइन को पानी में उबालकर रख लें। इस पानी से दिन में दो-तीन बार कुल्ला करने पर दो-तीन दिन में दुर्गंध खत्म हो जाती हैं।
-2 चम्मच अजवाइन को 4 चम्मच दही में पीसकर रात को सोते समय पूरे चेहरे पर मलकर लगाएं और सुबह गर्म पानी से साफ कर लें। चेहरा चमकने लगेगा।
- अजवाइन को भून व पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण से मंजन करने से मसूढ़ों के रोग मिट जाते हैं।
- पैर में कांटा चुभ जाए, तो कांटा चुभने के स्थान पर पिघले हुए गुड़ में 10 ग्राम अजवाइन मिलाकर थोड़ा गर्म कर बांध देने से कांटा अपने आप निकल जाएगा।
- कान में दर्द होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूंदे कान में डालने से आराम मिलता है। घाव और जले हुए स्थानों पर भी अजवाइन का लेप करने से आराम मिलता है और निशान भी दूर हो जाते हैं।
- सरसों के तेल में अजवाइन डालकर अच्छी तरह गर्म करें। इससे जोड़ों की मालिश करने पर जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
- दाद की समस्या होने पर गर्म पानी में अजवाइन पीसकर लेप करें। दाद एक सप्ताह में ठीक हो जाएगा।

कुछ नुस्खे: छोटे लहसुन के बड़े फायदे.......

कुछ नुस्खे: छोटे लहसुन के बड़े फायदे.......
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(इन बीमारियों में है रामबाण)
लहसुन सिर्फ खाने के स्वाद को ही नहीं बढ़ाता बल्कि शरीर के लिए एक औषधी की तरह भी काम करता है।इसमें प्रोटीन, विटामिन, खनिज, लवण और फॉस्फोरस, आयरन व विटामिन ए,बी व सी भी पाए जाते हैं। लहसुन शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाता है। भोजन में किसी भी तरह इसका सेवन करना शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है आज हम बताने जा रहे हैं आपको औषधिय गुण से भरपूर लहसुन के कुछ ऐसे ही नुस्खों के बारे में जो नीचे लिखी स्वास्थ्य समस्याओं में रामबाण है।

1-- 100 ग्राम सरसों के तेल में दो ग्राम (आधा चम्मच) अजवाइन के दाने और आठ-दस लहसुन की कुली डालकर धीमी-धीमी आंच पर पकाएं। जब लहसुन और अजवाइन काली हो जाए तब तेल उतारकर ठंडा कर छान लें और बोतल में भर दें। इस तेल को गुनगुना कर इसकी मालिश करने से हर प्रकार का बदन का दर्द दूर हो जाता है।

2-- लहसुन की एक कली छीलकर सुबह एक गिलास पानी से निगल लेने से रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है।साथ ही ब्लडप्रेशर भी कंट्रोल में रहता है।

3-- लहसुन डायबिटीज के रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता है। यह शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में कारगर साबित होता है।

4-- खांसी और टीबी में लहसुन बेहद फायदेमंद है। लहसुन के रस की कुछ बूंदे रुई पर डालकर सूंघने से सर्दी ठीक हो जाती है।

5-- लहसुन दमा के इलाज में कारगर साबित होता है। 30 मिली लीटर दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से दमे में शुरुआती अवस्था में काफी फायदा मिलता है। अदरक की गरम चाय में लहसुन की दो पिसी कलियां मिलाकर पीने से भी अस्थमा नियंत्रित रहता है।

6-- लहसुन की दो कलियों को पीसकर उसमें और एक छोटा चम्मच हल्दी पाउडर मिला कर क्रीम बना ले इसे सिर्फ मुहांसों पर लगाएं। मुहांसे साफ हो जाएंगे।

7-- लहसुन की दो कलियां पीसकर एक गिलास दूध में उबाल लें और ठंडा करके सुबह शाम कुछ दिन पीएं दिल से संबंधित बीमारियों में आराम मिलता है।

8-- लहसुन के नियमित सेवन से पेट और भोजन की नली का कैंसर और स्तन कैंसर की सम्भावना कम हो जाती है।

9-- नियमित लहसुन खाने से ब्लडप्रेशर नियमित रहता है। एसीडिटी और गैस्टिक ट्रबल में भी इसका प्रयोग फायदेमंद होता है। दिल की बीमारियों के साथ यह तनाव को भी नियंत्रित करती है।

10-- लहसुन की 5 कलियों को थोड़ा पानी डालकर पीस लें और उसमें 10 ग्राम शहद मिलाकर सुबह -शाम सेवन करें। इस उपाय को करने से सफेद बाल काले हो जाएंगे।

11- यदि रोज नियमित रूप से लहसुन की पाँच कलियाँ खाई जाएँ तो हृदय संबंधी रोग होने की संभावना में कमी आती है। इसको पीसकर त्वचा पर लेप करने से विषैले कीड़ों के काटने या डंक मारने से होने वाली जलन कम हो जाती है।

12- जुकाम और सर्दी में तो यह रामबाण की तरह काम करता है। पाँच साल तक के बच्चों में होने वाले प्रॉयमरी कॉम्प्लेक्स में यह बहुत फायदा करता है। लहसुन को दूध में उबालकर पिलाने से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। लहसुन की कलियों को आग में भून कर खिलाने से बच्चों की साँस चलने की तकलीफ पर काफी काबू पाया जा सकता है।
13- लहसुन गठिया और अन्य जोड़ों के रोग में भी लहसुन का सेवन बहुत ही लाभदायक है।
लहसुन की बदबू-
अगर आपको लहसुन की गंध पसंद नहीं है कारण मुंह से बदबू आती है। मगर लहसुन खाना भी जरूरी है तो रोजमर्रा के लिये आप लहसुन को छीलकर या पीसकर दही में मिलाकर खाये तो आपके मुंह से बदबू नहीं आयेगी। लहसुन खाने के बाद इसकी बदबू से बचना है तो जरा सा गुड़ और सूखा धनिया मिलाकर मुंह में डालकर चूसें कुछ देर तक, बदबू बिल्कुल निकल जायेगी।

उपयोगी बाते जो शायद आपको पता न हो

उपयोगी बाते जो शायद आपको पता न हो
1⃣ चींटीयो को भगाने के लिये उस
स्थान पर ककड़ी के छिलके रखिये
जहाँ चींटीयाँ हैं
2⃣ साफ़ और शुद्ध बफ॔ के लिये
पानी को पहले उबाल लें
3⃣ आईने को साफ़ रखने के लिये स्प्राईट का उपयोग करेँ
4⃣चुइंगम को कपड़े से निकालने के लिये कपड़े को 1 घंटे
फ्रीजर में रख दें
5⃣सफेद कपड़ो का सफेद रखने के लिये 10 मिनट तक गम॔
पानी में नींबू के साथ रखें
6⃣बालो को चमकाने के लिये एक चाय का चम्मच विनेगर
लगाये फिर धो लें
7⃣ नींबू का अधिकतम रस निकालने के लिये उसे
एक घंटे गम॔ पानी में रखें
8⃣ कपड़ो से स्याही के दाग छुड़ाने के लिये
उस पर टूथपेस्ट लगाकर पोछ दें फिर धोयें
9⃣ चूहो को भगाने के लिये काली मिच॔ डाल दें
ह्रदयघात सुबह जल्दी होते है जो कि सोने से
पहले एक या दो गिलास पानी पी कर
दूर किया जा सकता
♻♻ पानी पीने के फायदे
1⃣सुबह उठने के बाद पानी पीने
से आंतरिक तंत्र सक्रिय होता है
2⃣ खाने के आधा घंटा पहले
पानी पीने से पाचन अच्छा होता है
3⃣ नहाने से पहले 1 गिलास पानी ब्लड
प्रेशर को कम करता है
4⃣सोने से पहले एक गिलास पानी ह्रदयघात
का खतरा कम करता है
** एक कहावत है " जब कोई आपसे
कुछ अच्छी बातें बाँटे जो आपके लिये फायदेमंद
है तो आपका नैतिक दायित्व है कि आप भी उसे
दूसरे से बाँटकर उन्हे फायदा दैं

अंकुरित गेहूं

अंकुरित गेहूं खाने से होते हैं ये जबरदस्त फायदे, दूर होती है ये प्रॉब्लम्स 

स्वस्थ रहने के लिए अधिकतर लोग भोजन में सलाद भी शामिल करते हैं क्योंकि माना जाता है कि खीरा, ककड़ी, टमाटर, मूली, चुकन्दर, गोभी आदि खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है। लेकिन अगर पत्तेदार सब्जी व सलाद के साथ ही भोजन में अंकुरित अनाज को शामिल किया जाए तो यह बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि बीजों के अंकुरित होने के बाद इनमें पाया जाने वाला स्टार्च- ग्लूकोज, फ्रक्टोज एवं माल्टोज में बदल जाता है जिससे न सिर्फ इनके स्वाद में वृद्धि होती है बल्कि इनके पाचक एवं पोषक गुणों में भी वृद्धि हो जाती है। वैसे तो अंकुरित दाल व अनाज खाना लाभदायक होता है ये तो सभी जानते हैं लेकिन आज हम बताते हैं इन्हें खाने के कुछ खास फायदे जिन्हें आप शायद ही जानते होंगे....
- अंकुर उगे हुए गेहूं में विटामिन-ई भरपूर मात्रा में होता है। शरीर की उर्वरक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन-ई एक आवश्यक पोषक तत्व है। यही नहीं, इस तरह के गेहूं के सेवन से त्वचा और बाल भी चमकदार बने रहते हैं। किडनी, ग्रंथियों, तंत्रिका तंत्र की मजबूत तथा नई रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी इससे मदद मिलती है। अंकुरित गेहूं में मौजूद तत्व शरीर से अतिरिक्त वसा का भी शोषण कर लेते हैं।
- अंकुरित गेहूं में उपस्थित फाइबर के कारण इसके नियमित सेवन से पाचन क्रिया भी सुचारु रहती है। अत: जिन लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं हो उनके लिए भी अंकुरित गेहूं का सेवन फायदेमंद है। अंकुरित खाने में एंटीआक्सीडेंट, विटामिन ए, बी, सी, ई पाया जाता है। इससे कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन और जिंक मिलता है। रेशे से भरपूर अंकुरित अनाज पाचन तंत्र को सुदृढ बनाते हैं।
- अंकुरित भोजन शरीर का मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ता है। यह शरीर में बनने वाले विषैले तत्वों को बेअसर कर, रक्त को शुध्द करता है। अंकुरित गेहूं के दानों को चबाकर खाने से शरीर की कोशिकाएं शुध्द होती हैं और इससे नई कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद मिलती है।
- अंकुरित भोज्य पदार्थ में मौजूद विटामिन और प्रोटीन होते हैं तो शरीर को फिट रखते हैं और कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है।
- अंकुरित मूंग, चना, मसूर, मूंगफली के दानें आदि शरीर की शक्ति बढ़ाते हैं।अंकुरित दालें थकान, प्रदूषण व बाहर के खाने से उत्पन्न होने वाले ऐसिड्स को बेअसर कर देतीं हैं और साथ ही ये ऊर्जा के स्तर को भी बढ़ा देती हैं।]

आजीवन स्वस्थ रहने के खास नुस्सके ----

आजीवन स्वस्थ रहने के खास नुस्सके ----
(१)खड़े -खड़े पानी पीने से घुटनों में दर्द
की बीमारी होती है
इसलिए खाना पीना बैठ कर करना चाहिए .
(२)नक्क्सीर आने पर तुरंत नाक में
देशी घी लगाना चाहिए ,नाक से खून
आना तुरंत बंद हो जाता है
(३)बच्चों को पेशाब ना उतारे तो स्नान घर में
ले जाकर टूटी खोल दें पानी गिराने
की आवाज़ सुनकर बच्चे का पेशाब उतर जायेगा
(४)बस में
उलटी आती हो तो सीट पर
अखबार रखकर बैठने
से ,उलटी नहीं आती
(५)कद
बढ़ाने के लिए अश्वगंधा व मिश्री बराबर मात्र में चूरन
बना कर १ चम्मच भोजन के बाद लें
(६)बाल गिरने लगें हों तो १००ग्राम
नारियल तेल में १०ग्राम देशी कपूर मिलाकर जड़ों में लगायें
(७)सर में खोरा हो ,शरीर पर
सूखी खुजली हो तो भी इसी तेल
को लगाने से लाभ मिलता है
(८)आधा सर दर्द होने पर,दर्द होने
वाली साईड की नाक में २-३ बूँद
सरसों का तेल जोर से सूंघ लें
(१०)जुकाम होने पर सुहागे का फूला १
चम्मच ,गर्म पानी में घोल कर पी लें १५
मिनट में जुकाम गायब
(११)चहरे को सुन्दर बनाने के लिए १चम्म्च
दही में २ बूंद शहद मिला कर लगायें १० मिनट बाद धो लें
(१२)इसी नुसखे को पैरो की बिवाईयों में
भी प्रयोग कर सकतें हैं ,लाभ होगा
(१३)हाई
बी.पी. ठीक करने के लिए १
चम्मच प्याज़ का रस में १ चम्मच शहद मिलाकर चाटें (सुगर के
रोगी भी ले सकतें हैं)
(१४)लो बी.पी.ठीक करने के लिए
३२ दाने किसमिस के रात को कांच के गिलास में भिगो दें सुबह १-१
दाना चबा-चबा कर खाएं (रोज़ ३२ दाने खाने हैं ३२ दिनों तक)
(१५)कब्ज़ ठीक करने के लिए अमलताश
की फली (२ इंच)का काढ़ा बनाकर शाम
को भोजन के बाद पियें
(१६)कमर में दर्द होने पर १०० ग्राम खसखस
में १०० ग्राम मिश्री मिला कर चूर्ण बनायें,भोजन के बाद १
चम्मच गर्म दूध से लें
(१७)सर चक्कर आने पर १ चम्मच
धनियाँ चूर्ण में १ चम्मच आंवला चूर्ण मिलाकर ठन्डे
पानी से लें
(१८)दांतों में दर्द होने पर १
चुटकी हल्दी ,१
चुटकी काला नमक ,५ बूंद सरसों तेल मिलाकर लगायें
(१९)टौंसिल होने पर अमलताश की फली के
काढ़े से गरारे करें ,ठीक हो जायेग ‪#‎अजयशर्मा‬

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रसोईघर- से स्वास्थ्य सुझाव-------

  • खराश या सूखी खाँसी के लिये अदरक और गुड़
    गले में खराश या सूखी खाँसी होने पर पिसी हुई अदरक में गुड़ और घी मिलाकर खाएँ। गुड़ और घी के स्थान पर शहद का प्रयोग भी किया जा सकता है। आराम मिलेगा।
    २६ दिसंबर २०११
  • दमे के लिये तुलसी और वासा
    दमे के रोगियों को तुलसी की १० पत्तियों के साथ वासा (अडूसा या वासक) का २५० मिलीलीटर पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर दें। लगभग २१ दिनों तक सुबह यह काढ़ा पीने से आराम आ जाता है।
    १९ दिसंबर २०११
     
  • अरुचि के लिये मुनक्का हरड़ और चीनी
    भूख न लगती हो तो बराबर मात्रा में मुनक्का (बीज निकाल दें), हरड़ और चीनी को पीसकर चटनी बना लें। इसे पाँच छह ग्राम की मात्रा में (एक छोटा चम्मच), थोड़ा शहद मिला कर खाने से पहले दिन में दो बार चाटें।
    १२ दिसंबर २०११
     
  • मौसमी खाँसी के लिये सेंधा नमक
    सेंधे नमक की लगभग एक सौ ग्राम डली को चिमटे से पकड़कर आग पर, गैस पर या तवे पर अच्छी तरह गर्म कर लें। जब लाल होने लगे तब गर्म डली को तुरंत आधा कप पानी में डुबोकर निकाल लें और नमकीन गर्म पानी को एक ही बार में पी जाएँ। ऐसा नमकीन पानी सोते समय लगातार दो-तीन दिन पीने से खाँसी, विशेषकर बलगमी खाँसी से आराम मिलता है। नमक की डली को सुखाकर रख लें एक ही डली का बार बार प्रयोग किया जा सकता है।
    ५ दिसंबर २०११
     
  • बदन के दर्द में कपूर और सरसों का तेल
    १० ग्राम कपूर, २०० ग्राम सरसों का तेल - दोनों को शीशी में भरकर मजबूत ठक्कन लगा दें तथा शीशी धूप में रख दें। जब दोनों वस्तुएँ मिलकर एक रस होकर घुल जाए तब इस तेल की मालिश से नसों का दर्द, पीठ और कमर का दर्द और, माँसपेशियों के दर्द शीघ्र ही ठीक हो जाते हैं।
    २८ नवंबर २०११
     
  • बैठे हुए गले के लिये मुलेठी का चूर्णमुलेठी के चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है। या सोते समय एक ग्राम मुलेठी के चूर्ण को मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे। फिर वैसे ही मुँह में रखकर जाएँ। प्रातः काल तक गला साफ हो जायेगा। गले के दर्द और सूजन में भी आराम आ जाता है।
    २१ नवंबर २०११
     
  • फटे हाथ पैरों के लिये सरसों या जैतून का तेलनाभि में प्रतिदिन सरसों का तेल लगाने से होंठ नहीं फटते और फटे हुए होंठ मुलायम और सुन्दर हो जाते है। साथ ही नेत्रों की खुजली और खुश्की दूर हो जाती है। 
    १४ नवंबर २०११
     
  • सर्दी बुखार और साँस के पुराने रोगों के लिये तुलसी-तुलसी की २१ पत्तियाँ स्वच्छ खरल या सिलबट्टे (जिस पर मसाला न पीसा गया हो) पर चटनी की भाँति पीस लें और १० से ३० ग्राम मीठे दही में मिलाकर नित्य प्रातः खाली पेट तीन मास तक खाएँ। दही खट्टा न हो। यदि दही माफिक न आये तो एक-दो चम्मच शहद मिलाकर लें। छोटे बच्चों को आधा ग्राम तुलसी की चटनी शहद में मिलाकर दें। दूध के साथ भूलकर भी न दें। औषधि प्रातः खाली पेट लें। आधा एक घंटे पश्चात नाश्ता ले सकते हैं।
    ७ नवंबर २०११
     
  • मुँह और गले के कष्टों के लिये सौंफ और मिश्रीभोजन के बाद दोनों समय आधा चम्मच सौंफ चबाने से मुख की अनेक बीमारियाँ और सूखी खाँसी दूर होती है, बैठी हुई आवाज़ खुल जाती है, गले की खुश्की ठीक होती है और आवाज मधुर हो जाती है। 
    ३१ अक्तूबर २०११
     
  • जोड़ों के दर्द के लिये बथुए का रसबथुआ के ताजा पत्तों का रस पन्द्रह ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होता है। इस रस में नमक-चीनी आदि कुछ न मिलाएँ। नित्य प्रातः खाली पेट लें या फिर शाम चार बजे। इसके लेने के आगे पीछे दो-दो घंटे कुछ न लें। दो तीन माह तक लें। 
    २४ अक्तूबर २०११
     
  • अधिक क्रोध के लिये आँवले का मुरब्बा और गुलकंदबहुत क्रोध आता हो तो सुबह आँवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन खाएँ और शाम को गुलकंद एक चम्मच खाकर ऊपर से दूध पी लें। क्रोध आना शांत हो जाएगा।
    १७ अक्तूबर २०११
     
  • पेट में कीड़ों के लिये अजवायन और नमकआधा ग्राम अजवायन चूर्ण में स्वादानुसार काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म जल से देने से बच्चों के पेट के कीडे नष्ट होते हैं। बडों के लिये- चार भाग अजवायन के चूर्ण में एक भाग काला नमक मिलाना चाहिये और दो ग्राम की मात्रा में सोने से पहले गर्म पानी के साथ लेना चाहिये। 
    १० अक्तूबर २०११
     
  • घुटनों में दर्द के लिये अखरोटसवेरे खाली पेट तीन या चार अखरोट की गिरियाँ खाने से घुटनों का दर्द मैं आराम हो जाता है। 
    ३ अक्तूबर २०११
     
  • पेट में वायु-गैस के लिये मट्ठा और अजवायन-पेट में वायु बनने की अवस्था में भोजन के बाद १२५ ग्राम दही के मट्ठे में दो ग्राम अजवायन और आधा ग्राम काला नमक मिलाकर खाने से वायु-गैस मिटती है। एक से दो सप्ताह तक आवश्यकतानुसार दिन के भोजन के पश्चात लें। 
     २६ सितंबर २०११
     
  • काले धब्बों के लिये नीबू और नारियल का तेलचेहरे व कोहनी पर काले धब्बे दूर करने के लिये आधा चम्मच नारियल के तेल में आधे नीबू का रस निचोड़ें और त्वचा पर रगड़ें, फिर गुनगुने पानी से धो लें। १९ सितंबर २०११
     
  • शारीरिक दुर्बलता के लिये दूध और दालचीनीदो ग्राम दालचीनी का चूर्ण सुबह शाम दूध के साथ लेने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है और शरीर स्वस्थ हो जाता है। दो ग्राम दालचीनी के स्थान पर एक ग्राम जायफल का चूर्ण भी लिया जा सकता है।
    १२ सितंबर २०११
     
  • मसूढ़ों की सूजन के लिये अजवायन
    मसूढ़ों में सूजन होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूँदें पानी में मिलाकर कुल्ला करने से सूजन में आराम आ जाता है। 

    ५ सितंबर २०११
     
  • हृदय रोग में आँवले का मुरब्बा
    आँवले का मुरब्बा दिन में तीन बार सेवन करने से यह दिल की कमजोरी, धड़कन का असामान्य होना तथा दिल के रोग में अत्यंत लाभ होता है, साथ ही पित्त, ज्वर, उल्टी, जलन आदि में भी आराम मिलता है। 

    २९ अगस्त २०११
     
  • हकलाना या तुतलाना दूर करने के लिये दूध और काली मिर्च
    हकलाना या तुतलाना दूर करने के लिये १० ग्राम दूध में २५० ग्राम कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर रख लें। २-२ ग्राम चूर्ण दिन में दो बार मक्खन के साथ मिलाकर खाएँ। 

    २२ अगस्त २०११
     
  • श्वास रोगों के लिये दूध और पीपल
    एक पाव दूध में ५ पीपल डालकर गर्म करें, इसमें चीनी डालकर सुबह और ‘शाम पीने से साँस की नली के रोग जैसे खाँसी, जुकाम, दमा, फेफड़े की कमजोरी तथा वीर्य की कमी आदि रोग दूर होते हैं।१५ अगस्त २०११
     
  • अच्छी नींद के लिये मलाई और गुड़।रात में नींद न आती हो तो मलाई में गुड़ मिलाकर खाएँ और पानी पी लें। थोड़ी देर में नींद आ जाएगी।
    ८ अगस्त २०११
     
  • कमजोरी को दूर करने का सरल उपाय एक-एक चम्मच अदरक व आंवले के रस को दो कप पानी में उबाल कर छान लें। इसे दिन में तीन बार पियें। स्वाद के लिये काला नमक या शहद मिलाएँ।
    १ अगस्त २०११
     
  • पेट के रोग दूर करने के लिये मट्ठा
    मट्ठे में काला नमक और भुना जीरा मिलाएँ और हींग का तड़का लगा दें। ऐसा मट्ठा पीने से हर प्रकार के पेट के रोग में लाभ मिलता है। यह बासी या खट्टा नहीं होना चाहिये।
    २५ जुलाई २०११
     
  • घमौरियों के लिये मुल्तानी मिट्टी
    घमौरियों पर मुल्तानी मिट्टी में पानी मिलाकर लगाने से रात भर में आराम आ जाता है।
    १८ जुलाई २०११
     
  • खुजली की घरेलू दवाफटकरी के पानी से खुजली की जगह धोकर साफ करें, उस पर कपूर को नारियल के तेल मिलाकर लगाएँ लाभ होगा।११ जुलाई २०११
     
  • मुहाँसों के लिये संतरे के छिलकेसंतरे के छिलके को पीसकर मुहाँसों पर लगाने से वे जल्दी ठीक हो जाते हैं। नियमित रूप से ५ मिनट तक रोज संतरों के छिलके का पिसा हुआ मिश्रण चेहरे पर लगाने से मुहाँसों के धब्बे दूर होकर रंग में निखार आ जाता है।
    ४ जुलाई २०११
     
  • बंद नाक खोलने के लिये अजवायन की भापएक चम्मच अजवायन पीस कर गरम पानी के साथ उबालें और उसकी भाप में साँस लें। कुछ ही मिनटों में आराम मालूम होगा।
    २७ जून २०११
     
  • चर्मरोग के लिये टेसू और नीबूटेसू के फूल को सुखाकर चूर्ण बना लें। इसे नीबू के रस में मिलाकर लगाने से हर प्रकार के चर्मरोग में लाभ होता है।
    २० जून २०११
     
  • माइग्रेन के लिये काली मिर्च, हल्दी और दूधएक बड़ा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण एक चुटकी हल्दी के साथ एक प्याले दूध में उबालें। दो तीन दिन तक लगातार रहें। माइग्रेन के दर्द में आराम मिलेगा।
    १३ जून २०११
     
  • गले में खराश के लिये जीरा
    एक गिलास उबलते पानी में एक चम्मच जीरा और एक टुकड़ा अदरक डालें ५ मिनट तक उबलने दें। इसे ठंडा होने दें। हल्का गुनगुना दिन में दो बार पियें। गले की खराश और सर्दी दोनों में लाभ होगा।
    ६ जून २०११

     
  • सर्दी जुकाम के लिये दालचीनी और शहद
    एक ग्राम पिसी दालचीनी में एक चाय का चम्मच शहद मिलाकर खाने से सर्दी जुकाम में आराम मिलता है।
    ० मई २०११

     
  • टांसिल्स के लिये हल्दी और दूध
    एक प्याला (२०० मिलीली.) दूध में आधा छोटा चम्मच (२ ग्राम) पिसी हल्दी मिलाकर उबालें। छानकर चीनी मिलाकर पीने को दें। विशेषरूप से सोते समय पीने पर तीन चार दिन में आराम मिल जाता है। रात में इसे पीने के बात मुँह साफ करना चाहिये लेकिन कुछ खाना पीना नहीं चाहिये।
    २३ मई २०११

     
  • मधुमेह के लिये आँवला और करेला
    एक प्याला करेले के रस में एक बड़ा चम्मच आँवले का रस मिलाकर रोज पीने से दो महीने में मधुमेह के कष्टों से आराम मिल जाता है।
    १६ मई २०११

     
  • मधुमेह के लिये कालीचाय-
    मधुमेह में सुबह खाली पेट एक प्याला काली चाय स्वास्थ्यवर्धक होती है। चाय में चीनी दूध या नीबू नहीं मिलाना चाहिये। यह गुर्दे की कार्यप्रणाली को लाभ पहुँचाती है जिससे मधुमेह में भी लाभ पहुँचता है।
     मई २०११

     
  • माइग्रेन और सिरदर्द के लिये सेब-
    सिरदर्द और माइग्रेन से परेशान हों तो सुबह खाली पेट एक सेब नमक लगाकर खाएँ इससे आराम आ जाएगा।
     मई २०११

     
  • अपच के लिये चटनी-
    खट्टी डकारें, गैस बनना, पेट फूलना, भूक न लगना इनमें से किसी चीज से परेशान हैं तो सिरके में प्याज और अदरक पीस कर चटनी बनाएँ इस चटनी में काला नमक डालें। एक सप्ताह तक प्रतिदिन भोजन के साथ लें, आराम आ जाएगा।
    २५ अप्रैल २०११

     
  • उच्च रक्तचाप के लिये मेथी
    सुबह उठकर खाली पेट आठ-दस मेथी के दाने निगल लेने से उच्चरक्त चाप को नियंत्रित करने में सफलता मिलती है।
    १८ अप्रैल २०११

     
  • कोलेस्ट्राल पर नियंत्रण सुपारी से
    भोजन के बाद कच्ची सुपारी २० से ४० मिनट तक चबाएँ फिर मुँह साफ़ कर लें। सुपारी का रस लार के साथ मिलकर रक्त को पतला करने जैसा काम करता है। जिससे कोलेस्ट्राल में गिरावट आती है और रक्तचाप भी कम हो जाता है।
    ११ अप्रैल २०११

     
  • जलन की चिकित्सा चावल से
    कच्चे चावल के ८-१० दाने सुबह खाली पेट पानी से निगल लें। २१ दिन तक नियमित ऐसा करने से पेट और सीन की जलन में आराम आएगा। तीन माह में यह पूरी तरह ठीक हो जाएगी।
    ४ अप्रैल २०११

     
  • दाँतों के कष्ट में तिल का उपयोगतिल को पानी में ४ घंटे भिगो दें फिर छान कर उसी पानी से मुँह को भरें और १० मिनट बाद उगल दें। चार पाँच बार इसी तरह कुल्ला करे, मुँह के घाव, दाँत में सड़न के कारण होने वाले संक्रमण और पायरिया से मुक्ति मिलती है।२८ मार्च २०११
     
  • विष से मुक्ति
    १०-१० ग्राम हल्दी, सेंधा नमक और शहद तथा ५ ग्राम देसी घी अच्छी तरह मिला लें। इसे खाने से कुत्ते, साँप, बिच्छु, मेढक, गिरगिट, आदि जहरीले जानवरों का विष उतर जाता है।
    १४ मार्च २०११
     
  • स्वस्थ त्वचा का घरेलू नुस्खा 
    नमक, हल्दी और मेथी तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें, नहाने से पाँच मिनट पहले पानी मिलाकर इनका उबटन बना लें। इसे साबुन की तरह पूरे शरीर में लगाएँ और ५ मिनट बाद नहा लें। सप्ताह में एक बार प्रयोग करने से घमौरियों, फुंसियों तथा त्वचा की सभी बीमारियों से मुक्ति मिलती है। साथ ही त्वचा मुलायम और चमकदार भी हो जाती है।

    ७ मार्च २०११
  • ल्यूकोरिया से मुक्ति
    ल्यूकोरिया नामक रोग कमजोरी, चिडचिडापन, के साथ चेहरे की चमक उड़ा ले जाता हैं। इससे बचने का एक आसान सा उपाय- एक-एक पका केला सुबह और शाम को पूरे एक छोटे चम्मच देशी घी के साथ खा जाएँ ११-१२ दिनों में आराम दिखाई देगा। इस प्रयोग को २१ दिनों तक जारी रखना चाहिए।

    २८ फरवरी २०११
  • खाँसी में प्याज
    अगर बच्चों या बुजुर्गों को खांसी के साथ कफ ज्यादा गिर रहा हो तो एक चम्मच प्याज के रस को चीनी या गुड मिलाकर चटा दें, दिन में तीन चार बार ऐसा करने पर खाँसी से तुरंत आराम मिलता है।

     फरवरी २०११
  • बीज पपीते के स्वास्थ्य हमारा
    पके पपीते के बीजों को खूब चबा-चबा कर खाने से आँखों की रोशनी बढ़ती है। इन बीजों को सुखा कर पावडर बना कर भी रखा जा सकता है। सप्ताह में एक बार एक चम्मच पावडर पानी से फाँक लेन पर अनेक प्रकार के रोगाणुओं से रक्षा होती है।  ७ फरवरी २०११
  • मुलेठी पेप्टिक अलसर के लिये-
    मुलेठी के बारे में तो सभी जानते हैं। यह आसानी से बाजार में भी मिल जाती है। पेप्टिक अल्सर में मुलेठी का चूर्ण अमृत की तरह काम करता है। बस सुबह शाम आधा चाय का चम्मच पानी से निगल जाएँ। यह मुलेठी का चूर्ण आँखों की शक्ति भी बढ़ाता है। आँखों के लिये इसे सुबह आधे चम्मच से थोड़ा सा अधिक पानी के साथ लेना चाहिये।
    ३१ जनवरी २०११
  • भोजन से पहले अदरक-भोजन करने से दस मिनट पहले अदरक के छोटे से टुकडे को सेंधा नमक में लपेट कर [थोड़ा ज्यादा मात्रा में ] अच्छी तरह से चबा लें। दिन में दो बार इसे अपने भोजन का आवश्यक अंग बना लें, इससे हृदय मजबूत और स्वस्थ बना रहेगा, दिल से सम्बंधित कोई बीमारी नहीं होगी और निराशा व अवसाद से भी मुक्ति मिल जाएगी।
    २४ जनवरी २०११
  • मुहाँसों से मुक्ति-जायफल, काली मिर्च और लाल चन्दन तीनो का पावडर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। रोज सोने से पहले २-३ चुटकी भर के पावडर हथेली पर लेकर उसमें इतना पानी मिलाए कि उबटन जैसा बन जाए खूब मिलाएँ और फिर उसे चेहरे पर लगा लें और सो जाएँ, सुबह उठकर सादे पानी से चेहरा धो लें। १५ दिन तक यह काम करें। इसी के साथ प्रतिदिन २५० ग्राम मूली खाएँ ताकि रक्त शुद्ध हो जाए और अन्दर से त्वचा को स्वस्थ पोषण मिले। १५- २० दिन में मुहाँसों से मुक्त होकर त्वचा निखर जाएगी।
    १७ जनवरी २०११
  • सरसों का तेल केवल पाँच दिन-रात में सोते समय दोनों नाक में दो दो बूँद सरसों का तेल पाँच दिनों तक लगातार डालें तो खाँसी-सर्दी और साँस की बीमारियाँ दूर हो जाएँगी। सर्दियों में नाक बंद हो जाने के दुख से मुक्ति मिलेगी और शरीर में हल्कापन मालूम होगा।१० जनवरी २०११
  • अजवायन का साप्ताहिक प्रयोग- 
    सुबह खाली पेट सप्ताह में एक बार एक चाय का चम्मच अजवायन मुँह में रखें और पानी से निगल लें। चबाएँ नहीं। यह सर्दी, खाँसी, जुकाम, बदनदर्द, कमर-दर्द, पेटदर्द, कब्जियत और घुटनों के दर्द से दूर रखेगा। १० साल से नीचे के बच्चों को आधा चम्मच २ ग्राम और १० से ऊपर सभी को एक चम्मच यानी ५ ग्राम लेना चाहिए।
    ३ जनवरी २०११

जिनकी बेटी उम्र 10 वर्ष से कम

जिनकी बेटी उम्र 10 वर्ष से कम है उनके लिए गोल्डन योजना है। जरूर ध्यान से पढ़ें ।
भारत सरकार के द्वारा पोस्ट ऑफिस में " सुकन्या देव योजना " योजना शुरू की है ! जिनकी बेटी की उम्र 1 वर्ष से 10 वर्ष के बीच में है वह इस योजना का हिस्सा बन सकते है
1. उनको हर माह रू 1000/ इस तरह से 1 वर्ष भरे तो 12000 होते है ।
और 14 साल तक भरे तो होते है रु 168000
14 वर्ष बाद आपको कोई राशी जमा नही करनी
जब आपके बेटी की उम्र 21 वर्ष होगी तो आपको मिलेगे रु 607149
बेटी के 18 वर्ष पुरे होने पर 50 % निकाल सकते है बेटी को पढ़ने के लिए !
rate of interest = 9.1 % Per Year
यह जोगना में हम काम से काम रू 1000 और जादा से जादा रू 150000 शुरू की जा सकते है
हम 1 वर्ष में रू 150000 से जादा इस खाते में जमा नही कर सकते
और यादे आप एक वर्ष में रू 150000 यानि रू12500 प्रति माह जमा करवाते है तो आपने 14 वर्ष में जमा किये रू 2100000 और आप की बेटी 21 वर्ष बाद मिलेगे रू 7200000
यदि भगवान न करे बेटी के साथ कोई दुघटना होजाती है और उसकी मृतु हो जाती है तो account के पैसे माता पिता को मिल सकते है

Saturday, March 28, 2015

बालों को काला, घना और लम्बा बनाने के २० चमत्कारी सूत्र

बालों को काला, घना और लम्बा बनाने के २० चमत्कारी सूत्

बालों को काला, घना और लम्बा बनाने के २० चमत्कारी सूत्र
1-  घी खायें और बालों पर घी की मालिश करें।
2- गेहूं के जवारे का रस पीने से भी बाल कुछ समय बाद काले हो जाते हैं।
3- तुरई या तरोई के टुकड़े करके उसे धूप में सूखा कर कूट लें। फिर कूटे हुए मिश्रण में नारियल का इतना तेल डालें कि वह डूब जाए। इस तरह चार दिन तक उसे तेल में डूबोकर रखें फिर उबालें और छान कर बोतल में भर लें। इस तेल की मालिश करें। बाल काले होंगे।
4- नींबू के रस से सिर में मालिश करने से बालों का पकना, गिरना दूर हो जाता है। नींबू के रस में पिसा हुआ सूखा आंवला मिलाकर सफेद बालों पर लेप करने से बाल काले हो जाते हैं।
 5- पीली बर्रे का वह छत्ता जिसकी मक्खियाँ उड़ चुकी हो 25 ग्राम, 10-15 देसी गुड़हल के पत्ते,1/2 लीटर नारियल तेल में मंद मंद आग पर उबालें सिकते-सिकते जब छत्ता काला हो जाये तो तेल को आग से हटा लें। ठंडा हो जाने पर छान कर तेल को शीशी में भर लें। प्रतिदिन सिर पर इसकी हल्के हाथ से मालिश करने से बाल उग जाते हैं और गंजापन दूर होता है।
 6- कुछ दिनों तक, नहाने से पहले प्रतिदिन सिर में प्याज का पेस्ट लगाएं। बाल सफेद से काले होने लगेंगे।
  7- नीबू के रस में आंवला पाउडर मिलाकर सिर पर लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
 8- तिल का तेल भी बालों को काला करने में प्रभावी है।
 9- आधा कप दही में चुटकी भर काली मिर्च और चम्मच भर नींबू रस मिलाकर बालों में लगाए। 15 मिनट बाद बाल धो लें। बाल सफेद से काले होने लगेंगे।
 10- नीम का पेस्ट सिर में कुछ देर लगाए रखें। फिर बाल धो लें। बाल झड़ना बंद हो जाएगा।
 11- चाय पत्ती के उबले पानी से बाल धोएं। बाल कम गिरेंगे।
 12- बेसन मिला दूध या दही के घोल से बालों को धोएं। इससे बालों और उनकी जड़ों को मज़बूत करने में लाभ होगा।
 13- दस मिनट तक कच्चे पपीता का पेस्ट सिर में लगाएं। बाल नहीं झड़ेंगे और रूसी भी नहीं होगी।
 14- 50 ग्राम कलौंजी 1 लीटर पानी में उबाल लें। इस उबले हुए पानी से बालों को धोएं। इससे बाल 1 महीने में ही काफी लंबे हो जायेंगे।
 15- नीम और बेर के पत्तो को पानी के साथ पीसकर सिर पर लगायें और इसके 2-3 घण्टों के बाद बालों को धो डालें। इससे बालों का झड़ना कम हो जाता है और बाल लंबे भी होते हैं।
16- लहसुन का रस निकालकर सिर में लगाने से बाल उग आते हैं।
 17- सीताफल के बीज और बेर के बीज के पत्ते बराबर मात्रा में लेकर पीसकर बालों की जड़ों में लगाएं। ऐसा करने से बाल लंबे हो जाते हैं।
 18- 10 ग्राम आम की गिरी को आंवले के रस में पीसकर बालों में लगायें। इससे बाल लंबे और घुंघराले हो जाते हैं।
 19- शिकाकाई और सूखे आंवले को 25-25 ग्राम लेकर थोड़ा-सा कूटकर इसके टुकड़े कर लें। इन टुकड़ों को 500 ग्राम पानी में रात को डालकर भिगो दें। सुबह इस पानी को कपड़े के साथ मसलकर छान लें और इससे सिर की मालिश करें। 10-20 मिनट बाद नहा लें। इस तरह शिकाकाई और आंवलों के पानी से सिर को धोकर और बालों के
सूखने पर नारियल का तेल लगाने से बाल लंबे, मुलायम और चमकदार बन जाते हैं।
20- ककड़ी में सिलिकन और सल्फर अधिक मात्रा में होता है जो बालों को बढ़ाते हैं। ककड़ी के रस से बालों को धोने से तथा ककड़ी, गाजर और पालक सबको मिलाकर रस पीने से बाल बढ़ते हैं। यदि यह सब न मिलें तो जो भी मिले उसका रस मिलाकर पी लें। इस प्रयोग से नाखून का गिरना भी बन्द हो जाता है। mm

http://www.hindivichar.com/archive/index.php/f-26.html?s=9d6e13c3f553e6c514aadcfe26302a34

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श्रीखण्ड : एक मधुर भारतीय व्यंजन है

श्रीखण्ड : एक मधुर भारतीय व्यंजन है जो विशेष रूप से गुजरात, उत्तरप्रदेश में प्रचलित है और भारत के अन्य भागों में भी इसका आनन्द लिया जाता है।
स्थान के अनुसार इसके बनाने के तरीके अलग अलग हो सकते हैं। मैंने कभी बनाया भी नहीं है। एक बार इसे चखा है और बनाने की विधि पढ़ी भी है।
मैं अपने अनुमान से इसकी विधि लिख रहा हूँ !:baby:
सामग्री : (4-6 व्यक्तियों के लिए)
एक किलो पूर्ण जमी हुई दही (पूर्ण चिकनाई युक्त दूध से बनी)
200 ग्राम (या ज्यादा) उबाल कर ठण्डा किया हुआ पूर्ण चिकनाई युक्त दूध
150 से 200 ग्राम स्वादानुसार पिसी हुई चीनी या बूरा
4-5 केसर की कलियाँ 
5-6 छोटी इलायची (या कुछ बूंदें केवड़ा या गुलाब जल)
15-20 बादाम की गिरी
15-20 पिस्ता की गिरी
विधि :
ताजी दही को 2-3 घण्टे के लिए पतले मलमल के कपड़े में बांध कर ठण्डे स्थान पर लटका दें ताकि इसमें से पानी निकल जाए और दही और गाढ़ी हो जाए।

केसर की कलियों को 10-15 ग्राम दूध में भिगो दें। 2 घण्टे बाद इन्हें दूध में रगड़ कर घोल लें।
छोटी इलायची को 10-15 ग्राम चीनी के साथ मिला कर पीस लें !
बादाम और पिस्ता को पतले चौड़े टुकड़ों में काट लें।
दही का पानी निकल जाने के बाद इसे एक बरतन में डाल कर इसमें पिसी चीनी, पिसी इलायची मिला दें और साथ ही घुला हुआ केसर भी मिला कर अच्छी तरह मिला लें ताकि चीनी अच्छी तरह घुल जाए।
इसके बाद अगर आप इसका पेय बनाना चाह्ते हैं तो इसमें ठण्डा दूध मिला कर मेवे डाल कर ठण्डा करके पंजाबी लस्सी की तरह पेश करें !
अन्यथा
इसमें थोड़ा सा दूध डाल कर मेवे मिला कर ठण्डा करके खीर की तरह पेश करें।
और थोड़ा मेरे लिए भेजें !:baby

Thursday, March 26, 2015

मौत दे रही है जिदंगी का आॅफर

मौत दे रही है जिदंगी का आॅफर
जिदंगी दे रही है जीने का आॅफर
जीवन दे रहा है हँसने का आॅफर
इसलिए कहना है सम्पत का आओ
हर वक्त मुस्कराते रहे
जो मिला उसे हँस पर पाते रहे
जब तक जीवन है तब तक
 मित्रता निभाते रहे
निभाते रहे
देखकर किसी के बुरे दिन हम उसे कमजोर ना समझे
देखकर किसी के अच्छे दिन उसे जोर ना समझे
समय सबका आता है और जाता है
समय सबको सिखाता है और समझााता है
समय से पहले कभी किसी को कुछ नहीं मिलता है
बस! हम अपना कर्तव्य करते जाये कर्तव्य करते जाये
बाकी ईश्वर की मर्जी कहकर हँसते हँसाते जाये

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शरबत http://www.hariomcare.com/2013/02/blog-post_9221.html

शरबत

बाजारू ठंडे पेय पदार्थों से स्वास्थ्य को कितनी हानि पहुँचती है यह तो लोग जानते ही नहीं हैं। दूषित तत्त्वों, गंदे पानी एवं अभक्ष्य पदार्थों के रासायनिक मिश्रण से तैयार किये गये अपवित्र बाजारू ठंडे पेय हमारी तंदरुस्ती एवं पवित्रता का घात करते हैं। इसलिए उनका त्याग करके हमें आयुर्वेद एवं भारतीय संस्कृति में वर्णित पेय पदार्थों से ही ठंडक प्राप्त करनी चाहिए। यहाँ कुछ शरबतों की निर्माण-विधि एवं उपयोग की जानकारी दी जा रही हैः-
गुलाब का शरबतः गुलाब जल अथवा नलिकायंत्र (वाष्पस्वेदन यंत्र) द्वारा गुलाब की कलियों के निकाले गये अर्क में मिश्री डालकर उसका पाक तैयार करें। जब जरूरत पड़े तब उसमें ठंडा जल मिलाकर शरबत बना लें।
उपयोगः यह शरबत सुवासित होने के साथ शरीर की गर्मी को नष्ट करता है। अतः ग्रीष्म ऋतु में सेवन करने योग्य है।
अनार का शरबत­- अच्छी तरह से पके हुए 20 अनार के दाने निकालकर उनका रस निकाल लें। उस रस में अदरक डालकर रस गाढ़ा हो जाय तब तक उबालें। उसके बाद उसमें केसर एवं इलायची का चूर्ण मिलाकर शीशी में भर लें।
मात्राः 30 ग्राम।
उपयोगः यह शरबत रूचिकर एवं पित्तशामक होने की वजह से दवा के रूप में भी लिया जा सकता है एवं गर्मी में शरबत के रूप में पीने से गर्मी से राहत मिलती है।
द्राक्ष का शरबतः बीज निकाली हुई 60 ग्राम द्राक्ष को बिजौरे अथवा नींबू के रस में पीसें। उसमें अनार का 240 ग्राम रस डालें। उसके बाद उसे छानकर उसमें स्वादानुसार काला नमक, इलायची, काली मिर्च, जीरा, दालचीनी एवं अजवायन डालकर 60 ग्राम शहद मिलायें।
मात्राः 25 ग्राम।
उपयोगः मंदाग्नि एवं अरूचि में लाभप्रद।
इमली का शरबतः साफ एवं अच्छे गुणवाली 1 किलो इमली लेकर एक पत्थर के बर्तन में दो किलो पानी में 12 घंटे भिगो दें। उसके बाद इमली को हाथ से खूब मसलकर पानी के साथ एकरस कर दें। फिर पानी को मिट्टी के बर्तन में छान लें। उस पानी को कलई किये हुए अथवा स्टील के बर्तन में डालकर उभार आने तक उबालें। फिर उसमें मिश्री डालकर तीन तार की चासनी बनाकर काँच की बरनी में भर लें।
मात्राः 25 से 60 ग्राम।
उपयोगः पित्त प्रकृतिवाले व्यक्ति को रात्रि में सोते समय देने से शौच साफ होगा।
गर्मी में सुबह पीने से लू लगने का भय नहीं रहता।
कब्जियत के रोगी के लिए इसका सेवन लाभदायक है।
पके हुए कैथे(कबीट) का शरबतः यह भी इमली के शरबत की तरह ही बनाया जाता है।
उपयोगः यह शरबत शरीर की गर्मी की दूर करने में अत्यंत उपयोगी है। इसके अलावा पित्तशामक एवं रूचिकर भी है।
नींबू का शरबतः 20 अच्छे एवं बड़े नींबू का रस निकालें। उस रस में 500 ग्राम मिश्री डालकर गाढ़ा होने तक उबालें एवं शीशी में भरकर रख लें।
मात्राः 10 से 25 ग्राम।
उपयोगः अरुचि, मंदाग्नि, उलटी, पित्त के कारण होने वाले सिरदर्द आदि में लाभदायक है।
इसके अलावा यह शरबत आहार के प्रति रूचि एवं भूख उत्पन्न करता है।
कच्चे आम का शरबत (पना)- कच्चे आम को छीलकर पानी में उबालें। उसके बाद ठण्डे पानी में मसल-मसलकर रस बनायें। इस रस में स्वाद के अनुसार नमक, जीरा, गुड़ आदि डालकर पियें।
उपयोगः इस शरबत को पीने से गर्मी से राहत मिलती है। यह अपने देश के शीतल पेयों की प्राचीन परंपरा का एक नुस्खा है जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक है।

Wednesday, March 25, 2015

सुन्दरकाण्ड के पाठ से बहुत सारे लाभ होते है

सुन्दरकाण्ड के पाठ से बहुत सारे लाभ होते है उनमे से कुछ हम यहाँ बता रहे है - १) इसका पाठ करने से विद्यार्थियों को विशेष लाभ मिलता है, ये आत्मविश्वासमें बढोतरी करता है और परीक्षा में अच्छे अंक लाने में मददगार होता है, बुद्धि कुशाग्र होती है, अगर बहुत छोटे बच्चे है तो उनके माता या पिता उनकेलिए इसका पाठ करे.
२) इसका पाठ मन को शांति और सुकून देता है मानसिक परेशानियों और व्याधियो से ये छुटकारा दिलवाने में कारगर है,
३) जिन लोगो को गृह कलेश की समस्या है इस पाठ से उनको विशेष फल मिलते है,
४) अगर घर का मुखिया इसका पाठ घर में रोज करता है तो घर का वातावरण अच्छा रहता है,
५) घर में या अपने आप में कोई भी नकारात्मक शक्ति को दूर करने का ये अचूक उपाय है,
६) अगर आप सुनसान जगह पर रहते है और किसी अनहोनी का डर लगा रहता हो तो उसस्थान या घर पर इसका रोज पाठ करने से हर प्रकार की बाधा से मुक्ति मिलती हैऔर आत्मबल बढ़ता है.
७) जिनको बुरे सपने आते हो रात को अनावश्यक डर लगता हो इसके पाठ निश्चित से आराम मिलेगा.
८) जो लोग क़र्ज़ से परेशान है उनको ये पाठ शांति भी देता है और क़र्ज़ मुक्ति में सहायक भी होता है,
९) जिस घर में बच्चे माँ पिता जी के संस्कार को भूल चुके हो, गलत संगत मेंलग गए हो और माँ पिता जी का अनादर करते हो वहा भी ये पाठ निश्चित लाभकारीहोता है.
१०) किसी भी प्रकार का मानसिक या शारीरिक रोग भले क्यों न हो इसका पाठ लाभकारी होता है.
११) भूत प्रेत की व्याधि भी इस पाठ को करने से स्वतः ही दूर हो जाती है.
१२) नौकरी में प्रमोशन में भी ये पाठ विशेष फलदाई होता है.
१३) घर का कोई भी सदस्य घर से बाहर हो आपको उसकी कोई जानकारी मिल पा रहीहो या न भी मिल पा रही हो तो भी आप अगर इसका पाठ करते है तो सम्बंधितव्यक्ति की निश्चित ही रक्षा होगी, और आपको चिंता से भी राहत मिलेगी

शरीर के लिए आवश्यक विटामिन व प्रमुख स्रोत

शरीर के लिए आवश्यक विटामिन व प्रमुख स्रोत

विटामिन                                                     प्रमुख स्रोत 
१. विटामिन ‘ए’           पीले फल, पीली सब्जियां (आम, गाजर, पपीता, कद्दू ) 
                          गहरी हरी सब्जियां (पालक, मूली पत्ता) गौघृतमख्खन, दूध आदि। 


२. विटामिन बी                १ जैविक आहार, अन्न ,, हरी पत्तीदार सब्जियां
                                       कण युक्त चावल (मील छंटा नहीं) आदि। 
                                       बी२ ताजी हरी सब्जियां दूध, फल। 
                                       बी३ नींबू, अंकुरित अन्न, घी, सब्जियां ,, मूंगफली ।
                                       बी
६ अंकुरित अन्न, दूध, मेवे, ताजी सब्जियां, फल। 
                                       बी१२ दूध, दही, अंकुरित अन्न। 
३. विटामिन एच-                           अंकुरित अन्न, दूध, खमीर आदि। 
४. पेन्टोथेनिक एसिड-                     अंकुरित अन्न, खमीर। 
५. कोलिन-                                  फल, साग भाजी, अंकुरित अन्न, दूध। 
६. इनोसिटाल-                              अंकुरित अन्न, खमीर आदि। 
७. फोलिक एसिड-                          अंकुरित अन्न, ताजी हरी सब्जियां। 
८. विटामिन सी-                            आंवला, अमरूद, टमाटर व अन्य खट्टे फल, 
                                              अंकुरित अन्न, ताजी हरी सब्जियां, ताजे फल। 

                                                     ताजी हरी सब्जियां, ताजे फल। 
९. विटामिन डी-                              सुबह की धूप, दूध। 
१०. विटामिन -             अंकुरित अन्न, हरी सब्जी, गेहूं तथा चावल के अंकुर में सबसे अधिक। 
११. विटामिन के-                           ताजी हरी सब्जी, फल, अंकुरित अन्न। 
१२. विटामिन पी-                          खट्टे फल(नींबू आदि) में। 
१३. विटामिन एफ                        घाणी का कोई भी तेल।